GST बवाल
और आप को अगर ये लगता है तो GST आने से देश की अर्थव्यवस्था
पटरी में आ जाएगी तो मुझे तो यही लगता है की गलत फहमी पलने से अच्छा कुछ अर्थ का
काम किया जाए कहने का मतलब साफ़ है दोस्तों एक कुत्ता क्यू न पाल लिया जाए |
भाजपा भक्तो का कहना भी कुछ वैसा
ही -
"अरे यार पहले अपने को सुधार
मनोहन जी के कार्यकाल में तो फूल बरस रहे थे क्या और हा ज्यादा हिटलर बनाने की
जरूरत नही है |
"
अब एक बात और - अब तो घर में समझदार होना पाप हो गया है क्यू ? आरे सब महत्व पूर्ण फिसले
उनको ही तो लेने पड़ते है इस बात का हमरे जेटली साहब से कोई लेना देना नही
है पर अगर आप ये बात सोचे तो गहरी बात है|
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